000 02447naa a2200217 a 4500
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_d58013
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020 _a9789350002018
_cRs.795 (प्रति खण्ड)
040 _aIGNCA, New Delhi
082 _a891.49
_bSAN
245 1 _aसन्त वाणी :
_bनालायिर दिव्य प्रबन्धम् तमिल भाषा के वैष्णव आष़्वार् सन्तों का चतुस्सहस्त्र दिव्य प्रबन्ध साहित्य
_ctr. by पी. जयरामन
260 _aनयी दिल्ली :
_bवाणी प्रकाशन,
_c2010
300 _a7v.;
_c25 cm.
505 _aContents : v.1 प्रथम तीन अाष्वारों अर्थात् पोय्कै आष्वार् भूतत्ताष़्वार् एवं पेयाष़्वार् द्वारा त प्रथम, द्वितीय एंव तृतीय दिव्य अन्तादि साहित्य (356p.) ; v.2 तिरुमष़िशै आष्वार एवं उनकी कृतियाँ नान्मुखन् तिरुवन्तादि तथा तिरुच्चन्द विरुत्तम् अर्थात् चतुर्मुख दिव्य अन्तादि तथा दिव्य मधुर वृत्त साहित्य (252p.); v.3 नम्माष़् वार् कृत (363p.); v.4 आण्डाल् कृत 'तिरुप्पावै' (दिव्य प्रतिमा) और नाच् चियार् तिरुमोषि् (213p.) ; v.5 पेरियाष़् वार् कृत तिरुप् पल् लण्ड (दिव्य मंगल गीत) सहित पेरियाष़् वार् तिरुमोष़ि(पेरियाष़् वारम श्रीवचन) (464p.); v.6 भाग-1, नम्माष़् वार् (शठगोप) की कृतितिरुवाय्मोशीयमोषि(श्रीमुखवचन)(412p.) ; v.7 भाग-2)
650 _aTamil literature
650 _aHistory and criticism
700 _aजयरामन, पी. tr.
942 _2ddc
_cBK
964 _bHIN