000 | 00925cam a2200217ua 4500 | ||
---|---|---|---|
001 | 057138 | ||
005 | 20170524135959.0 | ||
020 | _cRs.1 | ||
041 | 0 | _ahin | |
044 | _aii | ||
082 | 0 |
_a891.431 _bMOH |
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100 | 1 | _aमोहन, जगमोहननाथ अवस्थी | |
245 | 1 |
_aचौराहे से _bबंग प्रान्त की पीडित मानवता के प्रति कवि का मर्मस्पर्शी उद्गार _cजगमोहननाथ अवस्थी 'मोहन' |
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260 |
_aप्रयाग _bहिन्दुस्तानी पब्लिकेशन्स _c1944 |
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300 |
_a59p. _bill. _c16cm |
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440 |
_aकविता माला _vन.1 |
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600 | 1 | 0 | _aअवस्थी, जगमोहननाथ (मोहन) |
650 | 0 | 0 | _aHindi poetry |
008 | 090713 1944 II NNNNP hin1 | ||
942 |
_2ddc _cBK |
||
999 |
_c25905 _d25905 |