जैन, अनेकान्त कुमार

दार्शनिक समन्वय की जैन दृष्टि नयवाद - वैशाली प्राकृत, जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान 2011 - 214p

9789381403020


Jaina philosophy Jainism - Religious literature, Hindi

181.044 / JAI