सम्वत् 1930 वाराणसी प्रसाद स्यनियोगेन तुयलतः काशी संस्कृत मुद्रायामडि्कतोयं शिक्षारैः श्री काशी जी मे ज्ञान वायी के पूर्व अष्ट पर श्री विश्व नाथ जी के पाल श्री युत महाराज शिवलाल द्रुबे जी के मकान मे यह पुस्तक कार्य लेगा अथवा कचौरी गली में भाई प्रताप सिंह