TY - ADVS TI - बृहत्कल्पसूत्र U1 - BIR CY - Pune KW - Āgama ; Jaināgama ; Jainism N1 - Complete; ए ।। नो कप्पति निर्ग्गंथाणा वा हिर्वे ईहां वैतकल्पसुतनो अर्थ लिषीयें छेंछ वैतकल्प एहवो नाम किम कहायुं ते शिष्य पुछयाsनंतर अत्र गुरु उत्तर कहें छे पापने विदारे ते भणी वैतकल्प; Clear and good handwriting.-Original rec. no. 579; MFL; New Delhi; IGNCA ER -