TY - ADVS TI - वृन्दावनकाव्य U1 - BIR CY - Pune KW - Kāvyaśāstra ; Padyakāvya ; Sanskrit poetry ; Sanskrit literature N1 - Complete; वरदाय नमो हरये। पतति जनोयं स्मरानपि न मोहरये। बहुशश्र्वक्रं दहता। मनसिदितिर्येन दैत्यवक्रं दहता।।; Original rec. no. 719; MFL; New Delhi; IGNCA ER -