TY - ADVS TI - पिङ्गलोपनिषद् U1 - BIR CY - PUNE KW - Veda ; Upaniṣad ; Vedic literature ; Philosophy, Hindu ; Hinduism-Sacred books N1 - Incomplete; तद्विष्णोः परमं पदं सदा पश्यन्ति सूरयः।। दिवीव चक्षुराततम्।। तद्विप्रासो विपन्यवो जागृवांसः समिंधते।। विष्णोर्यत्परमं पदम्।। ओम् ।। सत्वमित्युपनिषत्।।; MFL; New Delhi; IGNCA ER -