हितोपदेश-मित्रलाभः (अश्लीलांशवर्जितः) 'चन्द्रकला' संस्कृत-हिन्दीव्याख्योपेतम् व्याख्याकार शेषराजशर्मा रेग्मी - वाराणसी चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन 1983 - 11, 205p 18cm - चौखम्बा सुरभारती ग्रन्थमाला न.4 .

Includes index

Rs.10


Sanskrit literature
Sanskrit poetry
Folk literature, Sanskrit

398.204912 / HIT