सुरि,मानतुंग

श्री भक्तामर काव्य पद्यावली मानतुंग सुरि ;अनुवादक. अभयमती - मेरठ दि.जैन त्रिलोक शोध संस्थान 1988 - 160p. 17cm


Jainism
Bhakti in literature



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