तैत्तिरीयोपनिषद्
Material type:
- Taittirīyopaniṣad
- BIR
- 11
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Indira Gandhi National Centre for the Arts | BIR11 (Browse shelf(Opens below)) | Available | BI408 |
Complete
दशांगुष्टमात्रः पुरुषो द्वे वाङ्मासंन्नष्टौ वयः सुपर्णाप्तानां ग्रन्थिरसि द्वे द्वे नमो रुद्रायैकं तमग्नेद्युभिर्द्वेशिवेन मे संतुष्टस्व सत्यं प्राजापत्यस्यैकमेकमेकमशीतिः।। हरिः ॐ।। सहनाववतु ।। सह नौ भुनक्तु।। सहवीर्यं करवावहै।। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।। ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।। श्रीपरमेश्वरार्पणमस्तु।। लेखकपाठकयोः शुभं भवतु।। इदं शोभारामशर्मणः पठनार्थे लिपिकृतं कालिदासेन।।
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