सन्त वाणी :
सन्त वाणी : नालायिर दिव्य प्रबन्धम् तमिल भाषा के वैष्णव आष़्वार् सन्तों का चतुस्सहस्त्र दिव्य प्रबन्ध साहित्य
tr. by पी. जयरामन
- नयी दिल्ली : वाणी प्रकाशन, 2010
- 7v.; 25 cm.
Contents : v.1 प्रथम तीन अाष्वारों अर्थात् पोय्कै आष्वार् भूतत्ताष़्वार् एवं पेयाष़्वार् द्वारा त प्रथम, द्वितीय एंव तृतीय दिव्य अन्तादि साहित्य (356p.) ; v.2 तिरुमष़िशै आष्वार एवं उनकी कृतियाँ नान्मुखन् तिरुवन्तादि तथा तिरुच्चन्द विरुत्तम् अर्थात् चतुर्मुख दिव्य अन्तादि तथा दिव्य मधुर वृत्त साहित्य (252p.); v.3 नम्माष़् वार् कृत (363p.); v.4 आण्डाल् कृत 'तिरुप्पावै' (दिव्य प्रतिमा) और नाच् चियार् तिरुमोषि् (213p.) ; v.5 पेरियाष़् वार् कृत तिरुप् पल् लण्ड (दिव्य मंगल गीत) सहित पेरियाष़् वार् तिरुमोष़ि(पेरियाष़् वारम श्रीवचन) (464p.); v.6 भाग-1, नम्माष़् वार् (शठगोप) की कृतितिरुवाय्मोशीयमोषि(श्रीमुखवचन)(412p.) ; v.7 भाग-2)
9789350002018 Rs.795 (प्रति खण्ड)
Tamil literature
History and criticism
891.49 / SAN
Contents : v.1 प्रथम तीन अाष्वारों अर्थात् पोय्कै आष्वार् भूतत्ताष़्वार् एवं पेयाष़्वार् द्वारा त प्रथम, द्वितीय एंव तृतीय दिव्य अन्तादि साहित्य (356p.) ; v.2 तिरुमष़िशै आष्वार एवं उनकी कृतियाँ नान्मुखन् तिरुवन्तादि तथा तिरुच्चन्द विरुत्तम् अर्थात् चतुर्मुख दिव्य अन्तादि तथा दिव्य मधुर वृत्त साहित्य (252p.); v.3 नम्माष़् वार् कृत (363p.); v.4 आण्डाल् कृत 'तिरुप्पावै' (दिव्य प्रतिमा) और नाच् चियार् तिरुमोषि् (213p.) ; v.5 पेरियाष़् वार् कृत तिरुप् पल् लण्ड (दिव्य मंगल गीत) सहित पेरियाष़् वार् तिरुमोष़ि(पेरियाष़् वारम श्रीवचन) (464p.); v.6 भाग-1, नम्माष़् वार् (शठगोप) की कृतितिरुवाय्मोशीयमोषि(श्रीमुखवचन)(412p.) ; v.7 भाग-2)
9789350002018 Rs.795 (प्रति खण्ड)
Tamil literature
History and criticism
891.49 / SAN