तुमने क्यो कहा था मैं सुन्दर हूँ!
यशपाल
तुमने क्यो कहा था मैं सुन्दर हूँ! यशपाल - द्वितीय परिष्कृत संस्करण - लखनऊ विप्लव कार्यालय 1959 - 7, 120p. 22cm - विप्लव-प्रकाशक न.29 .
Rs.3
Shrot stories, Hindi
891.43301 / YAS
तुमने क्यो कहा था मैं सुन्दर हूँ! यशपाल - द्वितीय परिष्कृत संस्करण - लखनऊ विप्लव कार्यालय 1959 - 7, 120p. 22cm - विप्लव-प्रकाशक न.29 .
Rs.3
Shrot stories, Hindi
891.43301 / YAS